संगीता आज मन ही मन बड़ी खुश थी, यूँ तो उसके 12 वी बोर्ड के एग्जाम चल रहे थे, तैयारी भी अभी लगता नही की पूरी हो पाई थी, फिर भी मन कही और था, माँ की खाना खाने के लिए आवाज भी उसकी तंद्रा नही तोड़ पा रही थी, अभिनव जो आने वाला था, बहाना था सक्सेना सर से मिले इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन देने का।ये तो वो खूब जानती थी कि दोनों एक दूसरे को देखने के लिए बेकरार थे, अभिनव के कई बार इज़हार करने के बावजूद वो कभी हाँ नही कहती, पर मन से तो वो भी यही