फाँसी के बाद - 13

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(13) “यह भी एक दिलचस्प और रहस्यपूर्ण कहानी है । जब उसके दोनों रिश्तेदार उसकी लाश लेकर चले थे तो हमारे दो आदमी उनके पीछे लग गये थे । देखना यह था कि वास्तव में वह दोनों कौन है और लाश कहां ले जा रहे हैं । मगर देखने में दिहाती लगने वाले वह दोनों हमारे आदमियों को डाज दे गये । हमारे दोनों आदमी अपनी मूर्खता और अयोग्यता का समर्थन कर रहे हैं । उनका बयान है कि देखने में वह दोनों दिहाती मालूम होते थे मगर इतने चालाक फुर्तीले थे कि देखते ही देखते इस प्रकार न जाने