शुभि (5)

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बाल कहानी (5) प्रत्येक दिन दादी जी सुबह नहाने के बाद मंदिर जाती तो शुभि का मन भी उनके साथ जाने का करता ।लेकिन सुबह ऑंखें नहीं खुलने से वह नहीं जा पाती ।शुभि ने दादी जी से पूछा—दादी जी आप इतने सुबह कैसे उठतीं है कौन उठाता है आपको? दादी जी ने कहा—मैं जब रात को सोने के लिए बिस्तर पर जाती हूँ तो प्रार्थना करके ईश्वर को आज का दिन अच्छा बीता उसका धन्यवाद देती हूँ और आनेवाले कल के लिए प्रार्थना करके सुबह जल्दी उठने का