अनैतिक - ३२ - अंतिम भाग

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आज एक महीने बाद... चलो जल्दी, सामान लेकर बाहर आ जाओ.. अंकल ने रोते हुए कहा, बेटा सही तो कर रहे है ना हम? अंकल आपको मुझ पर भरोसा है? बचपन से लेकर आज तक मैंने कभी आप में और मेरे पापा में, या माँ और आंटी में कोई फर्क किया है क्या? आज निकेत भैय्या नहीं है तो क्या हुआ? मै हूँ ना आपका बेटा. अब हमें यहाँ नहीं रहना चाहिए, पुरानी बाते याद कर के ज़िन्दगी भर हम सबको दर्द होगा।। मैंने एक बड़ा घर देखा है जर्मनी में..आप, पापा, माँ, आंटी, किशोर, रीना और मै