जीवनदान

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जीवनदान विवाह की रस्में अभी चल ही रही थीं कि विपिन के पिताजी सुमेश को एक बार फिर दिल का दौरा पड़ गया । निवेदिता अपनी देवरानी कमल को विवाह का दायित्व सौंप कर सुमेश के साथ अस्पताल चली गई । विपिन के चाचा उमेश तथा रीना का भाई कार्तिक भी उनकी सहायता के लिये उनके साथ गये थे । सुमेश को तुरंत हास्पीटल में एडमिट कर लिया गया । इससे पहले भी सुमेश को एक बार दिल का दौरा पड़ चुका था अतः सभी चिंतित थे...। हँसी मजाक का दौर थम चुका था