मिले हम अजनबी

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एक मिनट में डोरबेल 4 बार बज चुका था,बेल बजाने वाले की असभ्यता पर झुंझलाती हुई नियति दरवाजा खोलने के लिए आती हुई बड़बड़ा रही थी ,कहाँ तो आज थोड़ा जल्दी निकलना चाहती थी,आज ही अलार्म ने धोखा दे दिया,सुबह आंख देर से खुली,उसपर सुबह-सुबह न जाने कौन आ गया, आज ऑफिस में इंस्पेक्शन है, हेड ऑफिस से टीम आ रही है,जब मुसीबत आती है तो चारों ओर से आती है।दरवाजा खोलकर देखा तो सामने 6 फिट लम्बा,सुदर्शन सा युवक खड़ा था, नियति ने थोड़ी रुखाई से कहा,"आपको इतनी समझ तो होनी चाहिए कि एक बार घण्टी बजाकर जरा