दूसरे दिन प्रदीप को कालेज मे मधु दिखी,मधु का रूपरंग पूरी तरह से बदला हुआ था,उसने आज सादी सी सूती साड़ी पहन रखी थी और लम्बे बालों की चोटी बना रखी थी,हाथों में कुछ किताबें थीं,बस एकदम सादे तरीके से आज वो काँलेज आई थी।। प्रदीप ने देखा तो दूर से ही आवाज़ दी__ मधु...मधु जरा ठहरो तो।। मधु ,प्रदीप की आवाज़ सुनकर रूक गई और प्रदीप उसके पास पहुँचा,उसने जैसे ही मधु को देखा तो बोला___ आज भी साड़ी,सो ब्यूटीफुल!! जी किसी ने फ़रमाया था कि साड़ी पहना करो तो हमें थोड़ा रह़म आ गया उन पर,मधु बोली।।