विश्वासघात--भाग(९)

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दयाशंकर की बात सुनकर जमींदार शक्तिसिंह कुछ सोच समझकर बोले____ अगर ये ही वो नटराज है तो इससे टकराना तो आसान ना होगा,क्योंकि ये तो अब बहुत बड़ा आदमी बन गया है, ना जाने कितने नेता और पुलिसवाले इसकी मुट्ठी में होंगें, इससें टकराने के लिए पहले हमें खुद को मजबूत करना होगा,तब जाकर हम इससे टकराने का सोच सकते हैं।। आप बिल्कुल ठीक कह रहें हैं,जमींदार साहब! दयाशंकर बोला।। नटराज से टकराने के लिए किसी शातिर और दिमागदार वकील की जुरूरत है,जो नटराज के मुँह से ही उसके जुर्म उगलवा पाएं और ऐसा वकील ढ़ूढ़ने में वक्त