अनोखी दुल्हन - ( भरोसा _ १) 7

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वो उसे कोई पागल आत्मा समझ कर भूल जाना चाहती थी। पर उसकी आंखो मे अलग चमक थी। आज तक वो जितनी आत्माओसे मिली थी, ये उनसे अलग था। " धोखेबाज कही का। मुझे उसका नंबर ले लेना चाहिए था। वो तभी वहा आया जब मैंने विश मांगी। चलो इस पर ना सही अब भगवान पर ही भरोसा कर लिया जाए।" जूही ने सोचा। दूसरे दिन सुबह सुबह वो तैयार हुई। उसने स्कूल का पूरा दिन उत्साह मे निकाल दिया। दोपहर को जैसे ही स्कूल छूटा, वो नौकरी की तलाश मे निकल गई। " हैलो मेरा नाम जूही है। में