ये काहाणी सो साल पुराणी हे एक टेकडी पे मूजूत मंदिर से शुरू होगा नागिन का पाचवा अध्याय मंदिर मे आरती चालू थी तब शिव के चरणो से एक नागिन आती है और वो तांडव करती है तब शिव आते है और बोलते है आप सबकी क्या समस्या हे तब सब बोलते है हमे बचाओ वो दानव फिरसे आगया हे तब शिव बोलते है मे इस नागिन को महानागराणी का वरदान देता हु और वो आप सब कि रक्षा करेगी तब सब उसे उसका नाम पुछते हे तब वो बोलती हे मेरा नाम रुही हे तब सब चले जाते हे