बदलते रिश्ते (पार्ट 2)

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"किस तरह?". सालू की झिल सी गहरी आंखों में झांकते हुए महेश बोला,"तुम कहना क्या चाहती हो?""हमारे इस तरह चोरी छिपे मिलने पर लोग उंगली उठा सकते है।""तो फिर क्या करे?"महेश,सालू को निहारते हुए बोला।"क्यो न हम जीवन भर के लिए एक सूत्र में बंध जाए?""तुम्हारा मतलब शादी से है",सालू की बात का आशय समझ मे आने पर महेश बोला,"लेकिन यह कैसे संभव है।""सम्भव क्यो नही है।"महेश की बात सुनकर सालू बोली थी।"मेरे बारे में सब कुछ जानते हुए भी तुम पूछ रही हो।मेरी माँ घरों में काम करके जैसे तैसे पढ़ा रही है।जब तक मैं अपनी पढ़ाई करके नोकरी