मथुरा में बी.टेक कॉलेज मिला था हॉस्टल का चयन प्रक्रिया भी हो चुकी थी ।मैं सीधा घर से हॉस्टल गया । वहाँ पर कई सिंगल रूम थे तो इसीलिए मैंने एक सिंगल रूम का ही चयन किया था । अपने रूम में जाकर सारी किताबें व सामान को सेट किया ,रूम भी एकदम झक्कास था । सफर की वजह से थका हुआ था रात को खाना खाकर जल्दी सो गया । आज कॉलेज का पहला दिन था जो कि अच्छा ही गया ,रात को पढ़ते हुए ग्यारह बजे नींद ने दस्तक दी । रात को किसी के दरवाजा खटखटाने की