हमेशा-हमेशा - 4

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शिमला की ख़ूबसूरती और बदली आबोहवा के साथ, पूजा की दोस्ती ने शमा को कुछ ही हफ़्तों में बेहतर कर दिया। उसके कॉन्फिडेंस और मानसिक स्वास्थ्य का ख़याल मानव बखूबी रख ही रहा था। पूजा के साथ साथ मानव से भी बहुत घुल मिल गयी शमा। अब वो डॉक्टर कम दोस्त ज़्यादा था। मानव के समझाने पर सिर्फ़ किताबों में खोयी न रहकर, इन दिनों वो शाम को वॉक पर भी जाने लगी। गर्मियों के दिन थे पर पहाड़ पर वो भी दिलकश लगते थे। पहली बार गर्मी में लखनऊ वाली तल्ख़ी नहीं थी। शमा सुबह बीएड कॉलेज जाने लगी