दूसरी औरत.. - 4

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लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो न हो! बेहद खूबसूरत नगमा है ये! मैं इसे जब भी सुनती हूँ तो न जाने क्यों दिल भर आता है। तुम्हें मैं एक बात बताऊँ? हाँ बताओ न!! रहने दो,तुम हंस पड़ोगी। प्लीज़ संजय बताओ न...प्ललललललीज़..... तुम्हें पता है तुमसे अलग होने के बाद मैं जब भी कभी ये सोचता था कि अगर तुमसे कभी मेरी फिर से मुलाकात हुई और तुम कभी किस्मत से अगर मेरी गाड़ी में बैठी तो मैं कौन सा गाना बजाऊँगा??? तब न मुझे हर बार