गुनाह

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अवनि ने ज़िन्दगी और मौत से लड़ते हुए अपनी सूनी आँखों से माँ की ओर देखा और बोली - " क्यों आई हो यहाँ? चली जाओ कही ऐसा ना हो की दुनिया को पता चल जाये की मेरी एक माँ भी है जो ज़िंदा है और मेरी लाश वो तुम्हें दें दे। बेकार में तुम्हें मेरे अंतिमसंस्कार में रूपये खर्च करने पड़ेंगे। वैसे भी तुम मुझे इस दुनिया में लाइ मुझे जन्म दिया यही तुम्हारा मुझ पे बहुत बड़ा एहसान है। माँ बोली- ऐसा मत बोल अवनि मै तेरी माँ हूँ और में मजबूर थी हालात ही कुछ ऐसे थे।