स्वर्ग का द्वार

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*स्वर्ग का द्वार:-*सुबह का समय था। स्वर्ग के द्वार पर चार आदमी खड़े थे। स्वर्ग का द्वार बंद था। चारों इस इंतजार में थे कि स्वर्ग का द्वार खुले और वे स्वर्ग के भीतर प्रवेश कर सकें।थोड़ी देर बाद द्वार का प्रहरी आया। उसने स्वर्ग का द्वार खोल दिया। द्वार खुलते ही सभी ने द्वार के भीतर जाना चाहा- लेकिन प्रहरी ने किसी को भीतर नहीं जाने दिया।प्रहरी ने उन आदमियों से प्रश्र किया- *‘‘तुम लोग यहां क्यों खड़े हो?’’*उन चारों आदमियों में से तीन ने उत्तर दिया- *‘‘हमने बहुत दान-पुण्य