कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 45)

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प्रशान्त ने अर्पिता को खोए हुए देखा तो वो उसके पास आये और एक नोट उसके हाथ मे थमा कर वहां से चले गए और दरवाजे पर जाकर बड़े ही प्यार से बोले अप्पू,अगर कोई परेशानी है तो मुझसे शेयर कर सकती हो हम दोस्त है न ये अधिकार है मेरा।कह वो वहां से बाहर चले जाते हैं। उनके मुख से इतने प्यार से अपना नाम सुन अप्पू के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।लेकिन जल्द ही चित्रा का ख्याल आने पर वो कहती है ये उलझने कब सुलझेगी।हमने हमारे सारे रिश्ते खो दिये है शान!अब बस रिश्तों के नाम