एकलव्य 18

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18महावीर बर्बरीक कौरव पाण्डवों के युद्ध उनके जीवन ओैर उनके विचारों के बारे में जन जन में नाना प्रकार की कथायें प्रचलित थीं । निषादमुनि, पुरम के एक मोहल्ले में एकत्रित हो गये लोगों को, ऐसी ही एक जन श्रुति सुना रहे थे कि मुरदानव की कामकटंकटा नाम की परमसुन्दरी कन्या थी। उसने शर्त रखी कि जो वीर मुझे पंजा लड़ाने में हरा देगा। मैं उसी के साथ विवाह करूँगी। यह प्रण सुन कर अनेक पराक्रमी वीर आये और हार मान कर चले गये। परमवीर घटोत्कच भी आया। उपस्थ्ति लोगों ने एकस्वर में मुनि से पूछा, कौन