वचन--(अन्तिम भाग)

(24)
  • 7k
  • 3
  • 2.6k

वचन--(अन्तिम भाग) हाँ,भइया मुझे पक्का यकीन है कि सारंगी दीदी आपको बचा लेंगीं, दिवाकर बोला।। नहीं, दिवाकर! जब सबको पता है कि आफ़रीन का ख़ून मैने किया है तो केस लड़ने से क्या फायदा,मै ही कूसूरवार हूँ, जब मैने खुद ही मान लिया है तो सारंगी इस केस के लिए माथापच्ची क्यों करेगी भला, प्रभाकर बोला।। लेकिन भइया!आप निर्दोष हैं और मैं ये साबित करके रहूँगा,दिवाकर बोला।। तू किसी से कुछ भी नहीं कहेंगा, दिवाकर! नहीं तो मेरा मरा हुआ मुँह देखेंगा,प्रभाकर बोला।। भइया! कृपा करके,कसम की बेड़ियाँ मत डालिए मुझ पर नहीं तो इस अपराधबोध से मैं