बराबरी का सपना स्वतंत्र कुमार सक्सेना भारत के मध्य में बसा बुंदेलखण्ड, विध्याचल पर्वत व इसके बीच बहने वालीं नदियां इसकी शोभा हैं। कवि ने इसकी सीमा इन शब्दों में बांधी है- इत चम्बल उत नर्मदा इत जमुना उत टौंस छत्रसाल सौं लड्न की रही न काहू सौं हौंस महाराजा छत्रसाल ने मराठा पेशवा बाजीराव को अपना पुत्र मान कर अपने राज्य का एक तिहाई भाग उन्हें सौंप दिया था। अत: अट्ठारहवीं सदी व उन्नीसवीं सदी के पूर्वाध में बुंदेलखण्ड में बुंदेले राजपूत व मराठे राज कर रहे थे। कालान्तर में ये दोनों ही अंग्रेजों के