मैंने ऑफिस से २-३ दिन की छुट्टी निकला ली।। माँ, पापा, अंकल आंटी को घर भेज दिया था, केशव भी चला गया. मैंने रीना से कहा कशिश को भी घर ले जाओ..मै और किशोर दोनों हॉस्पिटल में थे. आज ऑपरेशन हुए एक दिन हो गया था पर अब एक निकेत को होश नहीं आया.. अगले दिन जो हुआ वो मै ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकूँगा. अगले दिन रात को कशिश, रीना, किशोरे और मै हम सब ऑपरेशन के बहार सो रहे थे, रात का वक़्त था मैंने कशिश और रीना से घर जाने को कहा पर वो नहीं जाना चाहते