अनैतिक - २७

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कल जो हुआ उसने हम सबको अन्दर से झंझोलकर दिया..अब माँ पापा, उनके घरवालो से कम बाते करने लगे एक दिन उन्होंने खाने पर बुलाया पर पापा ने मना कर दिया, अंकल को बहोत बुरा लगा।। इसीलिए मैंने पापा को समझाया. इसमे उनकी गलती नहीं पापा, और वैसे भी आप दोनों को थोड़े दिन ही यहाँ रहना है फिर तो हम सब जर्मनी में ही जाएंगे, मेरे समझाने पर पापा मान गये और आज का डिनर हमने उनके यहाँ करने का पक्का किया. रात को हम उनके यहाँ पहोचे तो निकेत वाहा नहीं था, पापा के