चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 65 हम कैलिफोर्निया लौट आये और मैं मोन्स्योर वेरडाउ के पचड़े से पूरी तरह से मुक्त हो चुका था इसलिए मैं एक बार फिर आइडिया सोचने के लिए तैयार होने लगा। इसकी वज़ह ये थी कि मैं आशावादी था और मुझे अभी भी इस बात का यकीन नहीं था कि मैं अमेरिकी जनता का प्यार पूरी तरह से खो चुका हूं, कि वे राजनैतिक रूप से इतने सजग हो सकते हैं कि या हास्य से इतने हीन हो सकते हैं कि किसी भी ऐसे व्यक्ति का बहिष्कार कर दें जो उन्हें हँसाता रहा