चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 51

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चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 51 अगले दिन उसने मुझे फोन किया कि क्या मैं उसे लंच कराऊंगा। मैंने मना कर दिया। लेकिन जैसे ही मेरा दोस्त और मैं होटल से बाहर निकले, वह बाहर ही खड़ी थी और उसने फर के कपड़े और न जाने क्या क्या पहना हुआ था। इसलिए हम तीनों ने एक साथ लंच लिया और उसके बाद हम मालमाइसन गये जहां पर नेपोलियन द्वारा तलाक दिये जाने के बाद जोसेफाइन रही थी और बाद में वहीं मरी थी। ये एक खूबसूरत घर था जिसमें जोसेफाइन ने आठ आठ आंसू बहाये थे। ये एक