घर की मुर्गी दाल बराबर - 2

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भाग - 2 . भाग 1 में आपने पढ़ा कि सुदीप और नंदा दोनों रांची में एक प्रकाशक के पास गए …. कहानी - घर की मुर्गी दाल बराबर नंदा और सुदीप दोनों एक दूसरे की और देखने लगे .रांची में कोई उनका परिचित था नहीं और होटल में पैसे ज्यादा लगते .कुछ देर बाद नंदा बोली “ अभी तो रुकना मुश्किल है , फिर अगले सप्ताह आती हूँ