जुगाड़

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दिन ढला। सूरज छिपा। रात का साया गहराने लगा। सोनू का बापू अभी तक खेत से नहीं लौटा। सोनू की मां रामदेई सोचने लगी - माना धान की रोपाई चल रही है, लेकिन इस वक्त तक सोनू के बापू का न आना.....? सोनू शाम को मां से कहकर गया था कि वह अपने दोस्त भोले के घर जा रहा है। दो दिन से रोपाई के कारण वह स्कूल नहीं जा सका था, इसलिये आज बापू से शाम होने से पहले ही आज्ञा लेकर भोले से दो दिन की पढ़ाई के बारे पूछने गया था। जैसे-जैसे घड़ी की सूइयां आगे बढ़