जहाँ ईश्वर नहीं था - 4 - अंतिम भाग

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4 मैंने कहा, ”भले ही मुझे थाने ले चलो, पर उस बेचारी को कुछ खाने को तो दे दो. लगता है उसने सदियों से कुछ खाया नहीं है. बेचारी मर जाएगी.“ पुलिस वाला गुर्राया, ”वह जिन्दा बच जाएगी, तो हम मर जाएँगे..... फिर हमें अगला केस कहाँ से मिलेगा !“ ”आप समझ नहीं रहे हैं भाई साहब. वह जीवित रहेगी, तभी तो आप जिन्दा रह पाएँगे.“ मैंने उसे समझाने का प्रयास किया. पर वह हर समझ से परे जा चुका इन्सान निकला. उसे सिर्फ अपने पुलिस केसों का टार्गेट पूरा करना था. क्या वह पुलिस वाला भी मर चुका था