सूर्यबाला हिंदी साहित्य के लेखकों को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है - एक, पुरस्कृत लेखक और दुसरा, अपुरस्कृत लेखक। मोटे तौर पर पुरस्कृत लेखक वे होते हैं गालियाँ लिखते हैं और अपुरस्कृत लेखक वे होते हैं गलियाँ देते हैं। इसके पीछे भी बड़ी समर्थ और सुदीर्घ परंपराओं का हाथ होता है। पुरस्कृत लेखक गालियाँ कैसी और कितनी लिखते हैं, यह उनके गहन चिंतन, जीवन दर्शन, रुचि और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। साथ ही उन्हें मिलानेवाले पुरस्कारों की शर्तों पर भी। कुछ पुरस्कार तो गालियोंवाले साहित्य के लिए आरक्षित ही रखे जाते हैं, जिस तरह कुछ