12एकलव्य का राज्याभिषेक एक दिन हंसी हंसी में महारानी ने निषादराज हिरण्यधनु से कहा, “स्वामी कुछ दिनों से आपकी दाढ़ी में भी श्वेत बाल दृष्टि गोचर होने लगे है।” महारानी की यह बात सुनकर वे सोचने लगे, “अयोध्या के राजा दशरथ ने तो दर्पण में श्वेत बालों को देखकर राम का राज्याभिषेक करने का निश्चय कर लिया था। कहीं महारानी सलिला इसी बात का संकेत तो नहीं दे रहीं हैं।’ यह सोचकर बोले, “हम समझ गये महारानी का संकेत किस ओर है?” “मैं समझी नहीं किस ओर संकेत ?” “यही महारानी, हमें एकलव्य का राज्याभिषेक कर देना चाहिये।” ’स्वामी मेरा