हंगामा उसे घूरता देख कर विक्रम खान की खोपड़ी उलट गई। उसने एक भरपूर पंच उसके मुंह पर मारा। पंच इतना नपा-तुला था कि वह आदमी किसी कटे हुए पेड़ की तरह जमीन पर धाराशाई हो गया। लपक कर विक्रम ने मेज की ड्रार से रिवाल्वर निकाल लिया। उसने सुबह गोली वाली घटना के बाद ही उसे बेडरूम से लाकर यहां रख लिया था। उसके बाद वह बहुत जोर से चिंघाड़ा, “गार्ड! यह आदमी अंदर कैसे आया?” उसकी आवाज सुनकर दोनों गार्ड भागते हुए अंदर आ गए। वह काफी डरे हुए थे। उनकी निगाह कभी जमीन पर पड़े आदमी पर