परंतु लोगों के दिल छोटे हो गए

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"घर तो बड़ा है परन्तु लोगों के दिल छोटे है"मैं चाय पी रही थी तभी मोबाइल की घण्टी सुनाई दी । उठाया तो यह संजीव का फोन या उसने मुझसे पूछा "क्या तुम्हारे आस-पास किराये पर कोई मकान मिल जायेगा ?"मैने पूछा "किसको चाहिये" संजीव ने बताया "मुझे ही !"मैंने कहा "तुम्हारा तो यहीं पैतृक घर है बहुत बड़ा है वह! लेकिन तुम यहाँ क्यों मकान ढूढं रहे?" तो वे बोले "कोरोना काल में मुझे अपने शहर वापिस आना पड़ा,क्योंकि परदेश में घर में बन्द थे तो,घुटन हो रही थी। चूंकि वर्क क्रॉम होम की पद्धति पर फिलहाल काम हो रहा