8"/10" की छोटी सी रसोई में मां की सारी दुनिया सिमटी हुई थी। एक तरफ की बड़ी अलमारी में निचले फट्टे पर छोटे-बड़े दालों और मसालों के ढ़ेर सारे डिब्बे थे और उसके ऊपर वाले फट्टे पर ऐसा सामान था, जो रोजमर्रा में कम ही काम आता था। ज्यादातर स्टोरेज़ का सामान था। सामने चूल्हे के ऊपर छोटी छोटी अलमारियों में अलग-अलग किस्म का सामान था। जैसे पहली अलमारी में मां का हरा प्लास्टिक का नमक-मिर्चदान। बहुत पुराना हो गया था। एक जगह से गर्म तवा लगने से थोड़ा सा