४२. कोर्ट-कचहरी इस बीच अनुभव सिंह ने लखनऊ में एक वकील से बात कर ली थी. वह फॅमिली कोर्ट के मामलों के जानकार थे, पर अनुभव सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि यह मामला सुलझाने की कोशिश की जानी है, न कि सिर्फ तलाक की सहमति की. वह जहां तक समझते हैं जो भी गलतफहमियां हों, उन्हें दूर किया जाए, और फिर से आरिणी-आरव की जिन्दगी बेहतर ढर्रे पर आ सके, इस से बेहतर कुछ नहीं. अधिवक्ता रामेन्द्र अवस्थी ने उन्हें आश्वस्त किया और सोमवार २१ जनवरी को सवेरे १० बजे ही लखनऊ के कैसरबाग स्थित जिला न्यायालय के