दोस्ती इंसानियत की

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अपने परिवार में खुल कर बात करते हैं जैसे:- अपने मम्मी-पापा से, भाई अपनी बहन से... एक दोस्त की तरह होते हैं ।जो बचपन से साथ खेलते हैं पढ़ते और खाते हैं।बचपन की दोस्ती।हम साथ ही बिजनेस करते हैं। अपने काम से कभी हम उनके घर जाते हैं कभी वह हमारे घर आते हैं। आते-जाते दोस्तों जैसा व्यवहार हो जाता है और फिर हम उसे दोस्ती का नाम दे देते हैं।यह है व्यावहारिक दोस्ती।एक दोस्ती होती है पड़ोसियों से उनके सुख-दुख में हम जाते हैं वह हमारे पास आते हैं साथ रहते-रहते हम उन्हें दोस्ती का नाम दे देते हैं।एक