भाग- 4 सहसा पीछे से आई आवाज सुन कर लिली के कदम चलते- चलते रुक जाते है। उसकी आंखों में एक नई चमक आ जाती है। पता नहीं क्यों जब भी लिली अनुराग का नाम सुनती है, तो एक पल वहीं ठहर जाने को मन करता है।अनुराग के साथ बिताई यादें आज भी लिली के मन में कहीं ना कहीं जिंदा है। और समय-समय पर हिलोरे खाने लगती है। जब भी अनुराग का नाम जेहन में आता है, तो मन में आशा जगती है कि शायद अनुराग यहीं कहीं आस-पास हो। बस सिर्फ एक बार वह उससे मिल पाए, तो