अनमोल सौगात - 9

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भाग ९ हॉटेल के रास्ते में दोनों के बीच एक अजीब सी खामोशी थी। कभी घंटों घंटों बात करने वालों को आज शब्दों को खोजना पड़ रहा था। रवि बहुत कुछ कहना और पूछना चाहता था लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रहा था। बस कभी कभी रास्ते में पड़ने वाली कुछ प्रसिद्ध जगहों के बारे में बताते जा रहा था। नीता चुपचाप खिड़की से बाहर की और देखकर सर हिला रही थी। तभी एक जगह अचानक उसने कार रोकी। "क्या हुआ?" नीता ने पूछा। "ये यहाँ का प्रसिद्ध आइसक्रीम पार्लर है। १० मिनट ही लगेंगे। प्लीज आओ।" रवि के