सार्थक सीख

  • 6.6k
  • 1.1k

अमर जल्दी जल्दी ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा था । रमा रसोई में अमर के लिए नाश्ता बनाने में व्यस्त थी ।अमर के पिताजी दीनदयाल हाथ में अख़बार लिये कुछ परेशान से अमर से बोले ‘ ” बेटा ! तुमने मेरा चश्मा कहीं देखा है ? याद नहीं आ रहा कहाँ रख दिया है । इतनी बड़ी खबर है ‘भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकियों के गढ़ ध्वस्त कर दिए ‘ लेकिन चश्मा ना होने की वजह से मैं इस समाचार का पूरा विवरण नहीं पढ़ पा रहा हूँ । ”अमर नाश्ते की मेज से