सुलोचना - 5

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भाग-५ तीन चार साड़ी लाल और पीले रंग में पसंद कर चुकी तो एम.के.बोला- “आप को बस दो ही रंग पसंद हैं क्या?” वह सकपका गई रंग के पीछे के छुपे भावों को जानते हुए ही शरारत से बोला था। उसने एक केशरिया रंग की टस्सर सिल्क उठाई और बोला। यह अष्टमी वाले दिन पहनना नीली मुर्शिदाबाद सिल्क उसके ऊपर डालते हुए बोला- “सप्तमी वाले दिन इसे पहन शृंगार करना मणि बाबू की नींद उड़ जाएगी।” फिर गारद साड़ी उठाते हुए बोला- इसके बिना माँ की विदाई कैसे करोगी सूलू और उसी दिन मेरी भी तो विदाई है।” वह एक-एक