सुलोचना - 4

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भाग-४ सासू माँ उसे ऐसे कटाक्ष करती ही रहती हैं। आज न जाने क्यों उसे बहुत बुरा लगा उसकी आँखे डबडबा आईं न जाने कौन सा दर्द था जो छलककर उसके गाल पर आँसू बन ढलक आया। ये देखकर एम.के.ने ज़ोर से हँसते हुए कहा- “अरे मामी माछ मारने से कुछ नहीं होता मज़ा तो उसके खाने में है और खायेंगे तो तब ही न जब पकेगी।” वह उठ कर जाने लगी तो एम.के.बोला- “अरे कहाँ चली आप यूँ सारा आसमान अपने साथ लिए हुए।” पर वह आज नहीं रुकी अपने भीगे गालों के साथ कमरे में चली गई। उसके