(9) रेवती रात दिन ईश्वर से प्रार्थना करती रहती थी कि कोई राह निकालें जिससे वह इस स्तिथि से निकल सके। एक दिन उसका धैर्य और विश्वास रंग लाया। जिस कमरे में वह बंद थी उसके वॉशरूम की नाली बुरी तरह चोक हो गई। पहले तो उपेंद्र ने खुद नाली ठीक करने का प्रयास किया पर बहुत कोशिश के बाद भी ठीक नहीं कर सका। उसे हार कर नाली ठीक करने के लिए किसी को बुलाना पड़ा। उस आदमी के आने से पहले उपेंद्र ने रेवती को एक दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया। उसने रेवती को धमकी दी कि