यादों के झरोखों से-निश्छल प्रेम (5)

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शादी के बाद मुझे ससुराल में रहने का अवसर तो मिला लेकिन जहॉं पैत्रिक घर था , सासू मॉं रहती थीं वहाँ रहने का अवसर मुझे नहीं मिला था।शादी के समय में परीक्षा थी,परीक्षा अच्छी नहीं हुई।नंबर बहुत कम आये तो ,उसी कक्षा में दोबारा परीक्षा देने का निर्णय लिया गया और फार्म भी गृह जनपद से ही भरा ।अब सासू मॉं के पास रहकर पढ़ाई करनी थी ,मन में बहुत से प्रश्न उठ रहे थे कैसे हो पायेगा ।हमारी मॉं बहुत ही साहसी और कर्मठ महिला थीं लेकिन मेरी दो जेठानी जो मुझसे पहले परिवार में आई थी उनकी