तोड़ के बंधन - 8

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8 “हाल कैसा है जनाब का.” फोन पर मयंक की आवाज सुनते ही मिताली ने सारे ताव-तनाव पीछे धकेल कर अपने आप को सहज किया. “कहो कैसे रस्ता भूल पड़े.” कहिये जनाब! आज कैसे याद फरमाया.” मिताली ने भी उसी लहजे में प्रतिउत्तर दिया. “कुछ खास नहीं, बस! आज जरा फुर्सत में था तो सोचा कि तुम्हें डिस्टर्ब किया जाये. तुमसे मिलने की तमन्ना है… प्यार का इरादा है... और इक वादा है...” गाने की पंक्ति का अगला शब्द “जानम” मयंक चबा गया. “क्या बात है! बड़े रोमांटिक हो रहे हो. नीतू पास नहीं है क्या?” मिताली हँसी. “अरे यार!