तोड़ के बंधन - 3

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3 लोकेश... उनका पड़ौसी...  मिताली और वैभव के प्रेम का गवाह था. सड़क के दूसरी तरफ घर के ठीक सामने ही तो रहता था. दोनों का रूठना-मानना... प्यार-मोहब्बत... झगड़ा-सुलह... सब कुछ उसकी रसोई की खिड़की से साफ़-साफ़ दिखाई देता था. वह बात-बात में उनके छलकते हुए स्नेह को महसूस करता था. यूँ तो वह किसी से कोई खास मतलब नहीं रखता था लेकिन वैभव और मिताली से जब भी टकराता था तो हाय-हैल्लो जरूर कर लेता था. लोकेश के बारे में मिताली भी अधिक कुछ नहीं जानती थी. बस इतना ही कि वह उनके सामने वाले घर में अपनी माँ