बनारस - एक प्रेम रस II - 2

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अब समझिये लम्बी दूरी के रिश्ते कितने आकर्षक और लुभावने होते है चंद्र और भव्या पूरे दिन मैसेंजर पर लगे रहते थे सोचिए यहाँ तो पल भर में मैसेज मिल जाता है अब पुराने समय के लम्बी दूरी के रिश्ते में एक खत लिखना और उसके उत्तर की प्रतीक्षा करना उस का अलग ही आनंद है वो पल आज कहाँ अब तो पलक झपकते ही उत्तर मिल जाता है । चलिये कहानी की ओर चलते है----कुछ एक महीना गुज़र जाता है आमने सामने चंद्र और भव्या को मिले हुये, एक रात कॉल परचंद्र भावुक होते हुए भव्या को कहता है कि