नाच के बाहर- गौरीनाथ

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समीक्षा कथा संग्रह: नाच के बाहर- गौरीनाथ तमाम उम्मीदों का सवब ‘नाच के बाहर’ युवा कथाकार गौरीनाथ का पहला कथा संग्रह है। इसमें उनकी दर्जन भर कहानियां शामिल हैं। इस कथा संग्रह की अनेक कहानियां जहां बेहतरीन किस्से का आनंद देती हैं, वहीं कुछ कथाओं के शिल्प उन्हें बड़ा प्रभावशाली बना देते हैं, जिससे पाठक मूल संवेदना से गहरे से जुड़ जाता है। संग्रह की कहानियों को अगर शिल्प और विषय वस्तु के आधार पर बांटा जाकर विवेचना की जाये तो अनेक नयी चीजें उभरती हैं, जो गौरीनाथ के सृजन संसार को जाने का मौका देती है। संग्रह