एक दूजे के लिए - (भाग 2)

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"मै भी यहाँ---- - -उमेश ने भी रचना को अपने बारे में बताया था।"अभी कहा से आ रहै हो?""किराये के मकान की तलाश में गया था,"उमेश अपनी परेशानी रचना से शेयर करते हुए बोला,"कुंवारा हूँ इसलिए कोई मकान ही नही देता।आज भी निराश लौट रहा हूँ"।"मेरी भी यही समस्या है,"उमेश की बात सुनकर रचना बोली,"अकेली हूँ इसलिए मुझे भी मकान नही मिल रहा।"उमेश और रचना ने मुंबई आने और जगह जगह किराये के मकान तलाश करने की कहानी एक दूसरे को सुनाई थी।दोनो एक दूसरे की बात सुनकर काफी देर तक मौन बैठे रहे।उस मौन को तोड़ने की पहल उमेश