कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 32)

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अर्पिता प्रशान्त दोनो ही अंदर चले आते हैं।और दोनो आकर सोफे पर बैठ जाते हैं। प्रशान्त :- अप्पू, थक गई क्या? अर्पिता:- नही ! प्रशांत :- ओके।।तो ये लो अपना सामान मैं कमरे में जा रहा हूँ।ठीक है।कह प्रशान्त जी कमरे में निकल जाते है।तो अर्पिता श्रुति के कमरे में जाकर सामान रखती है और चेंज कर बाहर चली आती है।श्रुति तब तक आकर सोफे पर बैठ चुकी होती है अर्पिता को आता देख वो कहती है, आ गयी तुम चोरनी कहीं की!! अर्पिता :- चोरनी? हमने तुम्हारा क्या चुराया भला। श्रुति:- मैं अगर तुमसे कहूंगी न तो बोलोगी ऐवें