बेनज़ीर - दरिया किनारे का ख्वाब - 28

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भाग - २८ मैं सबेरे चाय-नाश्ता लेकर पहुंची, तो देखा कि रोज जल्दी उठने वाली अम्मी लेटी हुई हैं और कराह रही हैं। पूछा तो बड़ी मुश्किल से इतना ही बता सकीं कि, छाती में बड़ा दर्द हो रहा है। मैंने जल्दी से उन्हें दवा खिलाई, लेकिन वह उसके बाद पानी भी पी नहीं सकीं, बेहोश हो गईं। मैं घबरा उठी कि क्या करें। हर बार की तरह इस बार भी मुन्ना, उनके परिवार को याद किया। सब ने हमेशा की तरह मदद की। हॉस्पिटल में एडमिट करवाने के बाद मुन्ना ने कहा, ' इन्हें सीवियर हार्टअटैक पड़ा है। हालत