जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 15

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कहानी- 15 ’बिब्बो’ बड़े शहरों को जहाँ बड़े-बड़े बंगले, बिल्डि़गें, चैड़ी साफ सुथरी सड़कें, माॅल्स,दुकाने, बड़े-बड़े कार्यालयों में कार्य करते अफसरों, बाबुओं व व्यापारियों का समूह बड़ा बनाता है, वहीं शहरों को बड़ा बनाने में यत्र-तत्र अवैध रूप से बसी झुग्गी-झोंपडि़यों व उनमें बसने वाले लोंगों का भी योगदान कम नहीं है। सही अर्थों में इन तबके के लोग ही बड़े शहरों के निर्माण कत्र्ता हैं। इन अवैध रूप से बसी बस्तियों में शहरों के आस-पास के गाँवों से आकर रहने वाले लोगों में बहुत से कुशल कारीगर हैं जो जीवन यापन के लिये अपनी झोपड़ी के कम स्थान में