जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 11

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कहानी-11’ ’’ये नही है तुम्हारी नियति ’’ बसंती अपना घर साफ करते-करते घर के सामने की गली को भी बुहारती जा रही थी। यह काम उसका प्रतिदिन का है, झाड़ू लगाते-लगाते वह ’’अंकितवा......ओ....अंकितवा...’’ कह कर अपने बड़े लड़के को पुकारती जा रही थी। अंकित घर से थोड़ी दूर सामने पेड़ के नीचे मोहल्ले के लड़कों के साथ खेल रहा था। बसंती के चार बच्चे हैं। जिनमें दस वर्षीय अंकित सबसे बड़ा हैं। माँ के पुकारने के स्वर को सुन कर भी अंकित ने अनसुना कर दिया तथा पूर्ववत् खेलता रहा। झाड़ू लगाने के बाद बसंती ने उसकी तरफ पलट कर